2. वाक्य में संज्ञा अथवा सर्वनाम की विशेषता बताने वाले शब्दों को विशेषण कहते हैं। जिस विकारी शब्द से संज्ञा की व्याप्ति मर्यादित होती है , उसे भी विशेषण कहते हैं। जिस शब्द ( संज्ञा अथवा सर्वनाम ) की विशेषता बतायी जाती है उसे विशेष्य कहते हैं। जैसे - काला कुत्ता।इस वाक्य में काला विशेषण है।कुत्ता विशेष्य है । मेहनती विद्यार्थी सफलता पाते हैं। धरमपुर स्वच्छ नगर है। वह पीला है। ऐसा आदमी कहाँ मिलेगा ? इन वाक्यों में मेहनती , स्वच्छ , पीला और ऐसा शब्द विशेषण हैं। जो क्रमशः विद्यार्थी , धरमपुर , वह और आदमी की विशेषता बताते हैं।विद्यार्थी , धरमपुर , वह और आदमी शब्द विशेष्य हैं। विशेषण
3. विशेषण के प्रकार विशेषण के चार प्रकार हैं - गुणवाचक विशेषण (Adjective of quality) 2. संख्यावाचक विशेषण ( Adjective of number) 3. परिमाण - बोधक विशेषण , और ( Adjective of quantity) 4. सार्वनामिक विशेषण। (Demonstrative adjective)
4. 1. गुणवाचक विशेषणः जिस शब्द से संज्ञा या सर्वनाम के गुण , रूप , रंग आदि का बोध होता है , उसे गुण वाचक विशेषण कहते हैं। जैसे - 1. बगीचे में सुंदर फूल हैं। 2. धरमपुर स्वच्छ नगर है। 3. स्वर्गवाहिनी गंदी नदी है। 4. स्वस्थ बच्चे खेल रहे हैं। उपर्युक्त वाक्यों में सुंदर , स्वच्छ , गंदी और स्वस्थ शब्द गुणवाचक विशेषण हैं। 1. समय संबंधी - नया , पुराना , ताजा , वर्तमान , भूत , भविष्य , अगला , पिछला आदि। 2. स्थान संबंधी - लंबा , चौड़ा , ऊँचा , नीचा , सीधा , बाहरी , भीतरी आदि। 3. आकार संबंधी - गोल . चौकोर , सुडौल , पोला , सुंदर आदि।
6. 2. संख्यावाचक विशेषणः जिस विशेषण से संज्ञा या सर्वनाम की संख्या का बोध होता है , उसे संख्यावाचक विशेषण कहते हैं। जैसे - 1. कक्षा में चालीस विद्यार्थी उपस्थित हैं। 2. दोनों भाइयों में बड़ा प्रेम हैं। 3. उनकी दूसरी लड़की की शादी है। 4. देश का हरेक बालक वीर है। उपर्युक्त वाक्यों में चालीस , दोनों , दूसरी और हरेक शब्द संख्यावाचक विशेषण हैं। संख्यावाचक विशेषण के भी दो प्रकार हैं - निश्चित संख्यावाचक अऩिश्चित संख्यावाचक
7. निश्चित संख्यावाचक के छः भेद हैं - 1. पूर्णांक बोधक - जैसे , एक , दस , सो , हजार , लाख आदि। 2. अपूर्णांक बोधक - , जैसे , पौना , सवा , डेढ , ढाई आदि। 3. क्रमवाचक - जैसे , दूसरा , चौथा , ग्यारहवाँ , पचासवाँ आदि। 4. आवृत्तिवाचक - जैसे , दुगुना , तीगुना , दसगुना आदि। 5. समूहवाचक - , जैसे , तीनों , पाँचों , आठों आदि। 6. प्रत्येक बोधक - जैसे , प्रति , प्रत्येक , हरेक , एक - एक आदि। निश्चित संख्यावाचक विशेषण
8. अऩिश्चित संख्यावाचक विशेषण अनिश्चित संख्यावाचक विशेषणओं से अधिकतर बहुत्व का बोध होता है। जैसे - 1. सारे आम सड़ गए। 2. पुस्तकालय में असंख्य पुस्तकें हैं। 3. लंका में अनेक महल जल गए। 4. सुनामी में बहुत सारे लोग मारे गए। निश्चित संख्यावाचक के अंतर्गत आनेवाले पूर्णांक बोधक विशेषण के पहले लगभग या करीब और बाद में एक या ओं प्रत्यय लगाने से अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण हो जाता है। जैसे - लगभग पचास लोग आएँगे। 2. करीब बीस रूपए चाहिए। 3. सैंकड़ों लोग मारे गए। कभी - कभी दो पूर्णांक बोधक साथ में आकर अनिश्चय वाचक बन जाते हैं। जैसे - 1. चालीस - पचास रूपये चाहिए। 2. काम में दो - तीन घंटे लगेंगे।
9. 3. परिमाण - बोधक विशेषणः जिस विशेषण से किसी वस्तु की नाप - तौल का बोध होता है , उसे परिमाण - बोधक विशेषण कहते हैं। जैसे - 1. मुझे दो मीटर कपड़ा दो। 2. उसे एक किलो चीनी चाहिए। 3. बीमार को थोड़ा पानी देना चाहिए। उपर्युक्त वाक्यों में दो मीटर , एक किलो और थोड़ा पानी शब्द परिमाण - बोधक विशेषण हैं। परिमाण - बोधक विशेषण के दो प्रकार हैं - 1. निश्चित परिमाण - बोधकः जैसे , दो सेर गेहूँ , पाँच मीटर कपड़ा , एक लीटर दूध आदि। 2. अनिश्चित परिमाण - बोधकः जैसे , थोड़ा पानी , और अधिक काम , कुछ परिश्रम आदि। परिमाण - बोधक विशेषण अधिकतर भाववाचक , द्रव्यवाचक और समूहवाचक संज्ञाओं के साथ आते हैं।
10. 4. सार्वनामिक विशेषणः जब कोई सर्वनाम शब्द संज्ञा शब्द से पहले आए तथा वह विशेषण शब्द की तरह संज्ञा की विशेषता बताये , उसे सार्वनामिक विशेषण कहते हैं। जैसे - 1. वह आदमी व्यवहार कुशल है। 2. कौन छात्र मेरा काम करेगा। उपर्युक्त वाक्यों में वह और कौन शब्द सार्वनामिक विशेषण हैं। पुरूषवाचक और निजवाचक सर्वनामों को छोड़ बाकी सभी सर्वनाम संज्ञा के साथ प्रयुक्त होकर सार्वनामिक विशेषण बन जाते हैं। जैसे - 1. निश्चयवाचक - यह मूर्ति , ये मूर्तियाँ , वह मूर्ति , वे मूर्तियाँ आदि। 2. अऩिश्चयवाचक - कोई व्यक्ति , कोई लड़का , कुछ लाभ आदि। 3. प्रश्रवाचक - कौन आदमी ? कौन लौग ?, क्या काम ?, क्या सहायता ? आदि। 4. संबंधवाचक - जो पुस्तक , जो लड़का , जो वस्तुएँ आदि। व्युत्पत्ति की दृष्टि से सार्वनामिक विशेषण के दो प्रकार हैं - 1. मूल सार्वनामिक विशेषण और 2. यौगिक सार्वनामिक विशेषण ।
11. 1. मूल सार्वनामिक विशेषणः जो सर्वनाम बिना किसी रूपांतर के विशेषण के रूप में प्रयुक्त होता है उसे मूल सार्वनामिक विशेषण कहते हैं। जैसे - 1. वह लड़की विद्यालय जा रही है। 2. कोई लड़का मेरा काम कर दे। 3. कुछ विद्यार्थी अनुपस्थित हैं। उपर्युक्त वाक्यों में वह , कोई और कुछ शब्द मूल सार्वनामिक विशेषण हैं। 2. यौगिक सार्वनामिक विशेषणः जो सर्वनाम मूल सर्वनाम में प्रत्यय आदि जुड़ जाने से विशेषण के रूप में प्रयुक्त होता है उसे यौगिक सार्वनामिक विशेषण कहते हैं। जैसे - 1. ऐसा आदमी कहाँ मिलेगा ? 2. कितने रूपये तुम्हें चाहिए ? 3. मुझसे इतना बोझ उठाया नहीं जाता। उपर्युक्त वाक्यों में ऐसा , कितने और इतना शब्द यौगिक सार्वनामिक विशेषण हैं। यौगिक सार्वनामिक विशेषण निम्नलिखित सार्वनामिक विशेषणों से बनते हैं - यह से इतना , इतने , इतनी , ऐसा , ऐसी , ऐसे। वह से उतना , उतने , उतनी , वैसा , वैसी , वैसे। जो से जितना , जितनी , जितने , जैसा , जैसी , जैसे। कौन से कितना , कितनी , कितने , कैसा , कैसी , कैसे। 4. सार्वनामिक विशेषणः
12. ivaSaoYaNaaoM kI rcanaa kucC Sabd maUla $p maoM hI ivaSaoYaNa haoto hOM : jaOsao - AcCa , baura , gau$ , sauMdr , catur , maQaur , Aaid. kucC ivaSaoYaNa SabdaoM kI rcanaa inamnailaiKt p`kar sao kI jaatI hO. 1 maUla $p maoM p`%yaya , ]psaga- Aqavaa samaasa ka p`yaaoga kr nae ivaSaoYaNa kI rcanaa . 2 saM&a SabdaoM sao ivaSaoYaNaaoM kI rcanaa. 3 sava-naama SabdaoM sao ivaSaoYaNaaoM kI rcanaa. 4 ik`yaa SabdaoM sao ivaSaoYaNaaoM kI rcanaa. 5 Avyaya SabdaoM sao ivaSaoYaNaaoM kI rcanaa.